वित्तमंत्री ने कहा कि जब भी छोटे कर्जदार बैंकों से ऋण लेते हैं, एनपीए कम होते हैं। जब भी बड़े बैंकों में बड़े एनपीए होते हैं तो वे छोटे लोगों के कारण नहीं बल्कि बड़े लोगों के कारण होते हैं और इन लोगों से पैसा किस तरह से वसूल किया जाए, इस समय यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। (भाषा)