भोपाल। पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के निधन पर मध्यप्रदेश में शोक की लहर है। अरुण जेटली का मध्यप्रदेश से गहरा नाता था। मध्यप्रदेश जो आज भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है और जिस प्रदेश में भाजपा ने लगातार 15 साल शासन किया उसके असली शिल्पकार उस वक्त पार्टी महासचिव और प्रदेश के प्रभारी अरुण जेटली ही थे।
2003 के विधानसभा चुनाव के समय उस वक्त अजेय माने जाने वाली कांग्रेस सरकार और उसके मुखिया दिग्विजय सिंह को पटखनी देने में जेटली की मुख्य रणनीतिक भूमिका थी। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेटली को याद करते हुए कहा कि जेटलीजी जब 2003 में मध्यप्रदेश के प्रभारी थे तो उन्होंने प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के लिए जो काम किया वह अद्भभुत था।
शिवराज ने कहा कि उस वक्त कोई कल्पना नहीं करता था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बन जाएगी, लेकिन जेटली के चलते यह संभव हो सका। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने शोक जताते हुए कहा कि जेटलीजी के निधन से देश ने एक विजनरी नेता खो दिया।
मध्यप्रदेश से जेटलीजी के जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कुशल रणनीति के चलते 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। जेटलीजी उस समय मध्यप्रदेश के प्रभारी थे। इसके चलते उनका मध्यप्रदेश के कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव ज्यादा था। जेटलीजी के निधन से जो स्थान रिक्त हुआ है, उसको आसानी से भरा नहीं जा सकता।