बाप-दादा के नाम पर राजनीति का जमाना होगा खत्म : जेटली

रविवार, 30 अगस्त 2015 (18:15 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा ‍कि जल्दी ही राजनीति में परिवार के नाम, खानदान और वंशावली के लिए कोई जगह नहीं रह जाएगी। उन्होंने कहा कि व्यवसाय की दुनिया में यह बदलाव पहले ही आ चुका है।
वर्ष 1991 को भारतीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बताते हुए जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं के उदारीकरण के बाद दुनिया पहले के मुकाबले कहीं अधिक क्रूर हो गई है और इसमें जो अब सबसे ठीक होगा, वही टिकेगा और और जो सबसे उत्कृष्ट होगा वही पुरस्कार पाएगा।
 
यहां नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि कानून और कारोबार की दुनिया में आज जो सबसे ठीक होता है, वही टिकता है। परिवार के नाम, खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं रह जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि शीर्ष 50 कंपनियां किसी पारंपरिक व्यावसायिक घराने की नहीं हैं और उम्मीद है, आशा है, जल्द ही वह दौर आएगा जब राजनीति में भी परिवार के नाम, खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं रह जाएगा।
 
भाजपा नेता ने किसी का नाम नहीं लिया पर उनकी इस टिप्पणी का महत्व इस बात में ही है कि कांग्रेस और कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का नेतृत्व कुछ खास-खास परिवारों के हाथ में है।
 
जेटली ने यह भी कहा कि प्रतिभा पलायन का मुहावरा अब प्रासंगिक नहीं रह गया है एवं भारत के पास एक ब्रेन बैंक है, जो समाज, देश और दुनिया की सेवा कर सकता है।
 
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि अपने प्रतिभावान श्रमबल के दम पर भारत विश्व में खासकर विकसित देशों में जहां कार्यबल की कमी है, एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। (भाषा)

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