उन्होंने कहा कि लोगों का कहना है कि यदि देश से भ्रष्टाचार दूर करना है तो उसकी शुरुआत राजनीतिक दलों से होनी चाहिए। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, हमारी राजनीति में भ्रष्टाचार है तो यह राजनीतिक चंदे की व्यवस्था की वजह से है, चुनावी चंदे की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है, राजनीतिक चंदे की व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाना देश के सामने एक बड़ी चुनौती है।
राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए जेटली ने इस साल के अपने बजट भाषण में चुनावी बांड का प्रस्ताव किया था और राजनीतिक दलों को नकद चंदे पर 2000 रुपए की सीमा लगाने की घोषणा की थी। ये बांड प्रोमिसरी-नोट की तरह होंगे। इन पर दाता का नाम नहीं अंकित होगा। इन्हें राजनीतिक दलों के अधिसूचित बैंक खातों में जमा कराया जा सकता है। प्रस्ताव के अनुसार उनकी बिक्री अधिकृत बैंक ही करेंगे।
जेटली ने आज कहा कि उन्होंने इस मामले में सभी से कोई अधिक अच्छी व्यवस्था का सुझाव मांगा है ताकि राजनीतिक चंदे में यथासंभव पारदर्शिता लाई जा सके। हमें अभी एक भी सुझाव नहीं मिला है। मुझे केवल बड़ी-बड़ी बातें सुनाई दे रही हैं कि यह साफ-सुथरा होना चाहिए, यह पारदर्शी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस पर गौर करने को तैयार हैं। मैं कुछ स्पष्ट सुझाव की प्रतीक्षा करूंगा। (भाषा)