AIIMS में भर्ती अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक, दुआओं का दौर जारी

सोमवार, 19 अगस्त 2019 (00:48 IST)
नई दिल्ली। देश के पूर्व वित्तमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। AIIMS में कॉर्डियो-न्यूरो सेंटर के आईसीयू में भर्ती 66 वर्षीय जेटली के लिए देश में दुआओं का दौर जारी हो गया है। यह भी खबर मिली थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अस्पताल पहुंच सकते हैं लेकिन उनके बदले में केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह अस्पताल पहुंचे।

अरुण जेटली का ताजा अपडेशन : रविवार को अरुण जेटली को जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (Extracorporeal membrane oxygenation) पर शिफ्ट किया है। 

क्या होता है ईसीएमओ : ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखा जाता है, जब दिल और फेफड़े ठीक से काम नहीं करते और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं हो रहा होता है। तब इसकी मदद से मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। चूंकि जेटली को भी वेंटीलेटर से कोई लाभ नहीं हो रहा था, लिहाजा डॉक्टरों ने उन्हें ईसीएमओ पर रखने का फैसला लिया।
 
सांस लेने में परेशानी और बेचैनी महसूस होने के बाद अरुण जेटली को 9 अगस्त को AIIMS में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।
 
हालांकि, एम्स ने उनके स्वास्थ्य के बारे में 10 अगस्त से कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया है। उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए हाल के दिनों में कई बड़े नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया।
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रामविलास पासवान, संघ प्रमुख मोहन भागवत, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, आरएसएस संयुक्त महासचिव डॉ. कृष्ण गोपाल और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एम्स गए।
 
बीते 2 दिनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री अमित शाह, बसपा सुप्रीमो मायावती, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेटली से मिलने एम्स पहुंचे।
 
पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके पास वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार था और सरकार के लिए वे संकटमोचक की भूमिका में रहे।
पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था। उस समय रेलमंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी।

पिछले साल अप्रैल की शुरुआत से ही वे कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए। लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी कराई थी।

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