याचिका में कहा गया है कि जमानत आदेश पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का तरीका कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के स्पष्ट आदेश से अलग है। ये आदेश उस बुनियादी मौलिक सीमा का उल्लंघन करता है जिस पर हमारे देश में जमानत के आधार हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि याचिकाकर्ता एक राजनीतिक व्यक्ति है और केंद्र में सत्ता में मौजूदा सरकार का विरोधी है...इसलिए उसके खिलाफ झूठा मामला बनाने का आधार नहीं हो सकता।