हरिद्वार। तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर क्रेश में शहीद हुए जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में किया गया। हर की पौड़ी के सामने वीआईपी घाट पर भारतीय सेना के सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां उनकी बेटियों कृतिका रावत और तारिणी रावत ने थाम रखी थीं।
शहीद पिता और मां की अस्थियों का तर्पण करने के लिए वे जैसे ही हरिद्वार पहुंचीं, वैसे ही सेना के जवानों ने बैंड की धुन के साथ बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। दोनों बेटियों ने वैदिक विधि-विधान के साथ मंत्रोच्चार करते हुए मध्य गंगा में अस्थियों को विसर्जित किया है।
मध्य गंगा की गोद में जांबाज फौजी बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ सदा के लिए समा गए। हरिद्वार में हर की पौड़ी पर भारी संख्या में जनरल रावत को अंतिम नमन और श्रद्धासुमन देने के लिए लोग पहुंचे। हरिद्वार में गंगा की कल-कल ध्वनि के साथ फिजां में 'जनरल रावत अमर रहें' के नारों की आवाज गूंजती रही।
जनरल के अस्थि विसर्जन में शामिल हुए केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत का शहीद होना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। इस क्षति की पूर्ति कर पाना आजीवन संभव नहीं है। उत्तराखंड की मिट्टी में पले-बड़े हुए बिपिन रावत का असमय जाना उत्तराखंड और पूरे देश के लिए दु:खद है। आज पूरा देश गमगीन है।