उन्होंने लिखा, 'अखबारों में कई ऐसी खबरें आने लगी थीं जो पार्टी और अरविंद की छवि को खराब कर रही थीं। शुरुआत में इसे नजरअंदाज किया गया। परंतु, बाद में इसमें आपका (यागेंद्र) हाथ होने का संदेह हुआ। आपने इसे हर बार इससे इंकार किया।'
आशुतोष ने कहा, 'आखिरकार झूठ पकड़ने का फैसला किया गया और एक रिपोर्टर की बातचीत को रिकॉर्ड किया गया जिसने आपकी भूमिका को स्वीकार किया। आपने सबूत का प्रतिवाद किया और आपके पास कोई जवाब नहीं है। असल में आप अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार थे और अरविंद से सम्मानजनक विदाई की गुहार लगाई।'