गुवाहाटी। असम में सत्तारूढ़ भाजपा ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की अपडेट सूची पर भरोसा नहीं करती हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भी इस सूची पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
भाजपा असम के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची में आधिकारिक तौर पर पहले बताए गए आंकड़ों की तुलना में बाहर किए गए लोगों की बहुत छोटी संख्या बताई गई है। हम इस एनआरसी पर भरोसा नहीं करते हैं। हम बहुत नाखुश हैं। हम केंद्र और राज्य सरकारों से राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी तैयार किये जाने की अपील करेंगे।
दास ने कहा कि पार्टी बाहर किये गये लोगों द्वारा विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील किए जाने की प्रक्रिया और मामलों के फैसलों पर करीबी नजर रखेगी। उन्होंने कहा यदि एफटी वास्तविक भारतीयों के खिलाफ प्रतिकूल आदेश देते हैं तो हम पूरे 19 लाख मामलों के निस्तारण की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। हम कानून लायेंगे और उन्हें सुरक्षित बनाने के लिए काम करेंगे।
कांग्रेस ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए दावा किया कि भाषाई और धार्मिक आधार से परे कई वास्तविक भारतीय नागरिकों का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची से से बाहर रखा गया। किसी एक परिवार के कुछ सदस्यों के नाम एनआरसी की सूची में है लेकिन उसी परिवार के एक-दो सदस्यों के नाम पहचान का डाटा जमा कराने के बावजूद छोड़ दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार राष्ट्रीय नागरिक पंजी के नाम पर असम से बंगालियों को भगाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि अंतिम सूची में जगह बनाने से वंचित रहे 19 लाख से अधिक आवेदकों की जिम्मेदारी केंद्र की होगी।