भाजपा नेता ने कहा कि इस घटना के संबंध में यह मामला बहुत पहले ही दर्ज किया गया था, इसका वीडियो उपलब्ध था। यह संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले जारी हुआ। इसलिए, इसमें कई प्रकार की राजनीतिक चीजें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह एक वीभत्स घटना है और वीडियो जारी होने के समय के बावजूद दोषियों को माफ नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीडियो जारी होने की तारीख चाहे जो भी हो, घटना की निंदा की जानी चाहिए, दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए - इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, आपको पूरे मणिपुर या पूर्वोत्तर को बदनाम नहीं करना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर खासकर मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं कम होती हैं। लेकिन ऐसी छवि बनाई जा रही है कि मणिपुर में ऐसा हर दिन होता है। यदि आप पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की दुष्कर्म की घटनाओं की तुलना मणिपुर से करें, तो यह मणिपुर में कम है।
शर्मा ने कहा कि आप बार-बार राज्य का नाम क्यों लेते हैं? जैसे कि कांग्रेस शासित राज्यों में दुष्कर्म की कोई घटना नहीं होती! यह गलत है। लोग घटना की निंदा कर रहे हैं और दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन राज्य को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। (भाषा)