वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में माना कि बैंकों द्वारा एटीएम मशीनों में नकदी नहीं भरे जाने के कारण एटीएम सेवा प्रदाताओं को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि एटीएम मशीन में नए नोटों के अनुकूल बदलाव करने के पश्चात सेवा प्रदाताओं ने उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए बैंकों से मुआवजा हासिल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। उन्होंने एटीएम बंद रहने अथवा कम लेन-देन के कारण भी उन्हें हुई क्षति के लिए भी मुआवजा मांगा है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में गंगवार ने एटीएम से नकदी निकासी की संख्या सीमा कम करने की बात का खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह मामला भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे में आता है। उसी ने 8 नवंबर 2016, 16 जनवरी 2017 और 30 जनवरी 2017 को पारिपत्र जारी करके निकासी सीमा को विनियमित किया है। रिजर्व बैंक ने 1 फरवरी 2017 से सभी प्रकार की सीमाएं हटा दी हैं।