मुरली की नजर इस नोटिस पर पड़ी और उन्होंने सांस्कृतिक ठगी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मुहिम चला रहे ऐन्टिक्वटीज कोलिजन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को टैग करते हुए 13 दिसंबर को ट्वीट किया, फ्रांस। नीलामी रोकिए। इसे हमें वापस कीजिए। यह भारत में तमिलनाडु के शिव मंदिर श्री कोठंडारामेश्वर से चुराई गई मूर्ति है। हमारे पास सबूत हैं।
मूर्ति शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीजीपी ने राज्य एवं केंद्र सरकारों के जरिए दस्तावेजी साक्ष्य भिजवाए। उन्होंने कहा, अंतत: क्रिस्टीज डॉट कॉम को पता चल गया कि जिस मूर्ति की नीलामी की जानी थी, वह तमिलनाडु से चुराई गई है और उसने नोटिस वापस ले लिया।
अपराध जांच शाखा की मूर्ति इकाई के अनुसार, यह कांस्य मूर्ति विजयनगर साम्राज्य काल के दौरान 15वीं-16वीं शताब्दी की है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब मूर्ति को राज्य में वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डीजीपी ने इस बारे में पूछे जाने पर शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा, मैं और मेरी टीम बहुत खुश हैं, क्योंकि भारत ने पहली बार ऐसा किया है।
उन्होंने मूर्ति की वापसी के बारे में कहा, जहां तक मूर्ति को वापस लाए जाने की बात है, तो दूसरे पक्ष की प्रतिक्रिया के अनुसार यह तीन महीने में हो सकता है। सीतारमण ने ट्वीट करके नीलामी रोकने के समन्वित प्रयासों के लिए मुरली, संस्कृति मंत्रालय, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यालय, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भारत में फ्रांस के राजदूत जावेद अशरफ की सराहना की। File Photo
Edited By : Chetan Gour (भाषा)