अगस्ता वेस्टलैंड घूसकांड मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को मिली जमानत
सोमवार, 26 दिसंबर 2016 (11:37 IST)
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घूसकांड मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को पटियाला हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। कोर्ट ने त्यागी को 2 लाख के मुचकुले पर जमानत देते हुए कहा कि एसपी त्यागी बाहर निकलने के बाद किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जाएंगे।
आगस्ता रिश्वत कांड मामले में 9 दिसंबर को जांच के दौरान सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही संजीव त्यागी और गौतम खेतान को भी गिरफ्तार किया गया था। संजीव त्यागी, पूर्व वायुसेना प्रमुख के चचेरे भाई हैं जबकि खेतान उनके वकील रहे हैं। गिरफ्तारी के दौरान सीबीआई का कहना था कि जब तक इन लोगों को कस्टडी में लेकर पूछताछ नहीं की जाएगी तब तक ये लोग सहयोग करेंगे।
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी अगूस्ता से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों का सौदा किया था। जब ये सौदा किया गया तब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए शासन का दौर था, तब वायुसेना के प्रमुख एसपी त्यागी थे।
माना जाता है कि सौदा करने के लिए कुल सौदे के 10 फीसदी यानी करीब 350 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी। साल 2012 में इस सौदे में घोटाले की बात सामने आई। घोटाले के हंगामे के बीच 2013 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए इस सौदे को रद्द कर दिया था।
भारत ने ये सौदा अगूस्ता वेस्टलैंड कंपनी से किया था और हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी का नाम है फिनमेक्कनिका। इटली की इस कंपनी फिनमेक्कनिका ने 12 अगूस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर के सौदे में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी समेत उनके तीन रिश्तेदारों पर घूस दिए।
आरोपों के मुताबिक अगूस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर को सौदे में हिस्सा लेने के काबिल बनाने के लिए टेंडर की शर्तों में कुछ तकनीकी फेरबदल किए गए. शर्तें बदलने के एवज में ही फिनमेक्कनिका कंपनी की ओर से घूस दी गई थी. आरोप है कि ये घूस पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी के साथ उनके तीन रिश्तेदारों को दी गई.
रिश्वत की रकम सीधे न देकर दो कंपनियों आईडीएस ट्यूनिशिया और आईडीएस इंडिया के जरिए दी गई। इटली की कोर्ट ने इस सौदे में 125 करोड़ रुपये की घूस की बात मानते हुए अगूस्ता वेस्टलैंड और फिनमेक्कनिका दोनों कंपनियों के प्रमुखों को घूस देने का दोषी माना था। दोनों कंपनी के प्रमुखों को साढ़े चार साल की सजा भी सुनाई थी।