अब कहीं न कहीं उनके मन-मस्तिष्क में यह बात जगह बना चुकी है कि पार्टी देश के हिन्दुओं और साधु-संतों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही और शायद इसी लिए पार्टी का अब राम मंदिर यह चुनावी मुद्दा भी नहीं रहा। इन्हीं सब बातों के चलते ही अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास एक अक्टूबर को प्रातः पांच बजे से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने अन्न-जल त्याग दिया है।
महंत परमहंस की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द से जल्द श्री राममंदिर निर्माण की घोषणा करें एवं अयोध्या आकर रामजन्म भूमि का दर्शन करें। परमहंस ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए मेरी जान भी चली जाए तो इसकी मुझे परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि समाजसेवी किन्नर गुलशन बिन्दु ने किन्नर समुदाय की ओर से समर्थन देते हुए कहा है कि यदि उनको (परमहंस दास) को कुछ हुआ तो 50 लाख किन्नर आत्मदाह कर लेंगे। इसके लिए बिन्दु ने देश-विदेश के किन्नरों को फोन करना भी शुरू कर दिया है।
इसी बीच भाजपा के फायर ब्रांड नेता एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य विनय कटियार महंत परमहंस दास से मिलने उनके अनशन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने महंत का हाल जानने के बाद कहा कि महंत परमहंस दास जी का आमरण अनशन स्वागत योग्य है। कटियार ने कहा कि विगत दिनों नमाज के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि विवादित स्थल से बाबर का नाम हमेशा के लिए साफ हो जाएगा एवं 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो रही है सुनवाई। उम्मीद है कि जल्दी ही हल निकलेगा।
संतों की नारेबाजी : अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक वेदप्रकाश गुप्ता भी महंत से मिले एवं उन्हें अपना समर्थन दिया। वहीं गुरुवार को अयोध्या व आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या पहुंचे साधु-संतों ने भी अपना पूरा समर्थन महंत परमहंस को देते हुए नारा लगाया कि मोदी तुमको आना होगा, मंदिर यहीं बनाना होगा। वहीं दूसरी तरफ श्रीराम अस्पताल के चिकित्स्कों का दल महंत के स्वास्थ का लगातार परीक्षण कर रहा है, जबकि महंत ने साफ तौर पर कह दिया है कि मांगें पूरी हुए बिना हम हिलने वाले नहीं हैं।