2002 में अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान एक गुमनाम पत्र लिखकर डेरा प्रमुख राम रहीम पर एक साध्वी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। यह पत्र प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और हाईकोर्ट को भेजा गया था। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेकर कार्यवाही शुरू की और उसके बाद सीबीआई जांच शुरू हुई, जिसका फैसला सुनाया गया। सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने इस मामले में बाबा को इस आरोप का दोषी माना है।
इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसला सुनाने वाले हरियाणा के जींद के रहने वाले न्यायिक सेवा अधिकारी (जज) जगदीपसिंह हैं। वे काफी सख्त मिजाज के जज माने जाते हैं, इसीलिए किसी दबाव में आए बिना उन्होंने सजा सुनाई और उन्हें यौन शोषण मामले में दोषी माना है।