उन्होंने कहा कि कृषि, उद्योग, खिलौने और दैनिक जरूरतों की वस्तुओं के बाजार पर चीनी कंपनियों का कब्जा हो गया है और यह सीमा कई मामलों में 75 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि लोगों की सच्ची देशभक्ति यहीं होगी कि लोग चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें। (वार्ता)