अयोध्या के बाबरी मस्जिद और रामजन्मभूमि विवाद मामले में गुरुवार का दिन महत्वपूर्ण है। शीर्ष अदालत इस पर फैसला सुना सकती है कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का आंतरिक हिस्सा है या नहीं। इस फैसले को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आज के फैसले से बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद में मालिकाना हक पर जल्द फैसला आने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दलील दी गई है कि इस पर जल्दी निर्णय लिया जाए। फैसले में कोर्ट बताएगा कि यह मामला संविधान पीठ को रेफर किया जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा था कि संविधान पीठ के इस्माइल फारुकी (1994) फैसले को बड़ी बेंच को भेजने की जरूरत है या नहीं। दोपहर 2 बजे इस मामले पर फैसला सुनाया जाएगा। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से 1994 के इस्माइल फारुकी केस पर पुनर्विचार की मांग की है।