नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित 'टूलकिट' साझा करने के मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को जमानत दे दी। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य अल्प एवं अधूरे हैं। जज ने कहा कि लोगों को केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं।
इसके अलावा, अदालत ने कहा कि प्रत्यक्ष तौर पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता जो इस बारे में संकेत दे कि दिशा रवि ने किसी अलगाववादी विचार का समर्थन किया है। अदालत ने कहा कि दिशा रवि और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के बीच प्रत्यक्ष तौर पर कोई संबंध स्थापित नजर नहीं आता है।
अदालत ने कहा, 'मेरे विचार से, किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए नागरिक सरकार की अंतरात्मा के संरक्षक होते हैं। उन्हें केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं।'
अदालत ने कहा कि किसी मामले पर मतभेद, असहमति, विरोध, असंतोष, यहां तक कि अस्वीकृति, राज्य की नीतियों में निष्पक्षता को निर्धारित करने के लिए वैध उपकरण हैं। (भाषा)