नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के महाविलय प्लान की घोषणा की। इस महाविलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या मौजूदा 27 से घटकर 12 रह जाएगी। इस महाविलय का प्रभाव का प्रभाव पड़ेगा। इससे पूर्व 6 छोटे सरकारी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में और विजया बैंक, देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में पहले ही विलय हो चुका है।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक,
- केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक
- इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक
1. पासबुक-चेकबुक में हो सकते हैं बदलाव : सरकारी बैंकों के विलय से खाताधारकों का काम बढ़ जाएगा। बैंक के खाताधारकों के पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड को लेकर बड़े बदलाव हो सकते हैं। विलय के बाद खाताधारकों को नए चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड बनवाने पड़ सकते हैं। बैंक जो भी फैसले लेगा उसके बारे में ग्राहकों को पहले सूचित किया जाएगा। इसके लिए बैंक ग्राहकों को समय देगा ताकि ग्राहकों को नई पासबुक या चेकबुक मिल सके।
4. मिलेंगी बेहतर सुविधाएं : बैंकों के विलय होने से ग्राहकों को पहले से बेहतर फोन बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा मिल पाएगी। बैंकों के ब्रांच और एटीएम के बड़े नेटवर्क का फायदा ग्राहकों को मिलेगा।
5. भर्तियों पर पड़ सकता है असर : बैंकों का महाविलय होने से नजदीकी शाखाएं मर्ज होंगी, जिससे बैंक में होने वाली भर्तियों पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि सरकार ने कहा कि बैंकों के महाविलय से नौकरियों पर कोई खास असर पड़ने वाला नहीं है।