नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment law) के खिलाफ रविवार को दक्षिण दिल्ली में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर कई नेताओं ने दु:ख जताने के साथ ही घटना की जांच की मांग की जबकि अन्य ने प्रदर्शनकारियों को ‘अराजकतावादी’ करार दिया। नागरिकता कानून के खिलाफ झड़पों के दौरान कम से कम 6 पुलिसकर्मी सहित करीब 60 लोग घायल हो गए।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में पुलिस कार्रवाई के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस ने रविवार को उस पर देश में शांति बनाए रखने के अपने कर्तव्य को निभाने में नाकाम रहने और असम, त्रिपुरा तथा मेघालय के बाद दिल्ली तक को जलने के लिए छोड़ देने का आरोप लगाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने जामिया के छात्रों पर ‘बर्बर कार्रवाई’ की निंदा करते हुए ‘संयम’ बरतने की अपील की।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक टि्वटर अकाउंट पर कहा कि पूर्वोत्तर से लेकर असम, पश्चिम बंगाल और अब दिल्ली में भाजपा सरकार देश में शांति बनाए रखने का अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही। उसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए और हमारे देश में शांति बहाल करनी चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह पूछा कि क्या पुलिस का जामिया परिसर पुस्तकालय में घुसना और छात्रों की पिटाई करना तथा उन पर आंसू गैस छोड़ना न्यायोचित है?
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल रही है, असम, त्रिपुरा और मेघालय जल रहे हैं। बंगाल में हिंसा फैल रही है, गृहमंत्री को पूर्वोत्तर जाने की हिम्मत नहीं है, जापान के प्रधानमंत्री की यात्रा रद्द करनी पड़ी, लेकिन मोदीजी झारखंड में चुनाव प्रचार करके खुश हैं। उन्होंने कहा कि जो इसका विरोध करते हैं, उन्हें देशद्रोही बताया जाता है और जामिया इसका ताजा उदाहरण है।
सुरजेवाला ने पूछा कि क्या यह ठीक है कि भाजपा सरकार जामिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय और छात्रावास में घुस गई और युवाओं पर आंसू गैस छोड़े गए तथा उनकी पिटाई की। क्या छात्र नागरिकता कानून 2019 के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर सकते, जो संविधान की आत्मा पर वार है।
वेणुगोपाल ने ट्वीट किया कि मैं दिल्ली पुलिस की जामिया के निर्दोष छात्रों पर बर्बर कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं। मैं सभी से संयम एवं शांति बरतने की अपील करता हूं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से स्थिति में हस्तक्षेप करने और ‘इस संकट को हल’ करने की भी अपील की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और गृह मंत्रालय को सौहार्दपूर्ण तरीके से जामिया में संकट को हल करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की और विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल के प्रवेश को 'अवैध' करार दिया। उन्होंने कहा कि यहां पुलिस का प्रवेश अवैध है। पुस्तकालय में तोड़-फोड़ करना, बल प्रयोग करना और छात्रों को भगाना ठीक काम नहीं है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने कहा कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन से पता चला कि नागरिकता संशोधन कानून की आवश्यकता क्यों थी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई बर्बरता और आगजनी ने यह स्पष्ट कर दिया है जिन्हें अभी भी संदेह था कि #नागरिकता संशोधन अधिनियम और #एनआरसी की आवश्यकता क्यों है।' उन्होंने कहा कि ये लोग जिम्मेदार नागरिक के होने से बहुत दूर हैं। वे अराजकतावादी हैं जिनके लिए न तो संविधान है और न ही नागरिकता पवित्र है।
पूर्व वित्तमंत्री एवं पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह मोदी सरकार का 1974 का क्षण है। अंत की शुरुआत। द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन ने रविवार को दिल्ली और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि केंद्र को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। (भाषा)