मांझी बोले, मेरी पार्टी के सभी 4 विधायक नीतीश के पक्ष में मतदान करेंगे
मांझी ने कहा, मैं हमेशा अपनी निष्ठा में अडिग रहा हूं
राजग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के पीछे एकजुट है
Jitan Ram Manjhi issues whip in favor of NDA, Trust vote : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने एक व्हिप जारी कर अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के विधायकों से 12 फरवरी को विश्वास मत के दौरान सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में मतदान करने के लिए कहा है।
हम के संस्थापक ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता और बिहार के विपक्षी महागठबंधन की अहम शख्सियत महबूब आलम से मुलाकात के ठीक बाद यह व्हिप जारी किया। मांझी ने कहा, मेरी पार्टी के सभी चार विधायक नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे।
व्हिप की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन सुर्खियों और टीआरपी के पीछे भागने वालों द्वारा पैदा किए गए भ्रम को दूर करने के लिए यह जारी किया गया है। मांझी ने कहा कि राजग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के पीछे एकजुट है। उन्होंने 2014 में सरकार की कमान सौंपे जाने के लिए जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
मांझी ने महागठबंधन से बाहर निकलने के दौर को याद करते हुए कहा, मैं हमेशा अपनी निष्ठा में अडिग रहा हूं, मैं कुछ महीने पहले कुमार से केवल इसलिए अलग हुआ, क्योंकि उन्होंने सख्त लहजे में कहा था कि या तो मैं अपनी पार्टी का जद(यू) में विलय कर दूं या छोड़ दूं।
मांझी के बेटे संतोष को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था : पार्टी के महागठबंधन से बाहर होने के कारण मांझी के बेटे संतोष को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। बाद में मांझी की पार्टी राजग में शामिल हो गई। हाल में मांझी ने यह दावा किया था कि उन्हें राजद से मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
हालांकि मांझी ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कथित प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरे गांव में एक कहावत है कि नव-धनाढ्य पारंपरिक अभिजात वर्ग से अधिक खतरनाक होते हैं। मेरा उनके (राजद) साथ जाने का कोई इरादा नहीं है।
गठबंधन आसानी से विश्वास मत जीत लेगा : मांझी ने 2015 में जद(यू) छोड़कर हम का गठन किया था। मांझी ने कहा, राजग के सभी विधायक, चाहे वे जद (यू), भाजपा या हम से हों, एकजुट हैं। गठबंधन को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। यह गठबंधन आसानी से विश्वास मत जीत लेगा और एक नया विधानसभा अध्यक्ष भी चुनेगा।
उन्होंने आलम से मुलाकात को तवज्जो नहीं देते हुए कहा, मैं विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक हूं। इसलिए साथी विधायक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आते रहते हैं। इसका कोई मतलब नहीं निकालिए। इससे पहले, आलम ने कहा, मांझी जी हमारे अभिभावक हैं। वरिष्ठ नेता हैं, जिनसे हम नियमित रूप से मिलते रहते हैं। पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए मैं आया और यह देखकर खुशी हुई कि अब वह ठीक हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने चाय पी थी, तो वामपंथी नेता ने मजाकिया लहजे में कहा, हां, हमने चाय पी, हमने कॉफी भी पी। मांझी जोश में हैं और वह अच्छा खेल दिखाएंगे। उल्लेखनीय है कि खेल शब्द बिहार में तब से चर्चा का विषय बन गया है, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने जनता दल (यूनाइटेड) से गठबंधन टूटने के बाद घोषणा की थी कि खेला अभी बाकी है।
अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेजस्वी के पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद विश्वास मत के दौरान राजग की बाजी पलटने के लिए अपनी कुशलता का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि आलम ने यह भी कहा, मैंने सामान्य लहजे में खेल शब्द का उल्लेख किया है। हम किसी गुप्त रणनीति में शामिल नहीं हैं।
मांझी की पार्टी के चार विधायक हैं। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा में राजग के कुल सदस्य 128 हैं, जो बहुमत के लिए आवश्यक संख्या से छह अधिक है। महागठबंधन के पास 114 सदस्य हैं। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शामिल हैं। (भाषा) Edited By : Chetan Gour पटना