सूत्रों ने बताया कि मान ने लोकसभा अध्यक्ष से करीब 20 मिनट तक बातचीत की और इस मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि मेरा मकसद संसद की सुरक्षा को खतरे में डालना नहीं था। मैं अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को सिर्फ यह बताना चाहता था कि वह सदन में उनके मुद्दे उठाना चाहते हैं लेकिन इस काम में कितना समय लगता है, यह प्रक्रिया उन्हें दिखाना चाहता था। (वार्ता)