समिति ने लोकसभा के पटल पर पेश की गई रिपोर्ट में कहा है कि मान का संसद भवन परिसर की वीडियोग्राफी करने वाला आचरण अत्यधिक आपत्तिजनक है। उनका यह व्यवहार साबित करता है कि वह सदन के सदस्य के रूप में अपने उत्तरदायित्वों से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने सदस्य की गरिमा के प्रतिकूल काम करके संसद भवन और उससे जुड़े लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाला है।
उन्होंने 28 नवंबर को समिति को बताया कि वह इस संबंध में पहले दिए गए अपने पत्रों को आंशिक रूप से वापस ले रहे हैं और इसके लिए बिना शर्त माफी मांग रहे हैं। समिति ने फिर उन्हें एक और मौका दिया, लेकिन इस मौके पर भी वह अपनी पहले की टिप्पणी ही दोहराते रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनके व्यवहार से संसद की सुरक्षा व्यवस्था को कोई खतरा है।