उस समय जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, इसे रोका तो यह फट जाएगा। दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि एफआईआर में गिरफ्तार किए लोगों का नाम तक नहीं है, जबकि पुणे पुलिस की ओर से ASG तुषार मेहता कहा था कि याचिका दायर करने वालों का इस केस से कोई ताल्लुक नहीं है।