अयोध्या। ट्रस्ट के सदस्यों व पदाधिकारियों का दावा हैं कि प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन में शामिल होने आ सकते हैं। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें विश्व हिंदू परिषद के वर्तमान राम मंदिर मॉडल की ऊंचाई 141 फुट से बढ़ाकर 161 फुट की जाएगी। इसके अलावा अब राम मंदिर में तीन के बजाय पांच गुंबद होंगे। राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन के समय कार सेवा की तर्ज पर लोगों से संपर्क कर राम मंदिर के लिए दान लिया जाएगा।
बैठक में यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री राम मंदिर निर्माण के पहले भूमि पूजन कार्यक्रम में आएंगे और यह तारीख 3 और 5 अगस्त हो सकती है। इस बारे में प्रधानमंत्री को तारीख भेज दी गई है। अब प्रधानमंत्री कार्यालय उनके आने के लिए जो तिथि निश्चित करेगा उसी तिथि पर प्रधानमंत्री अयोध्या आएंगे। उसी दिन राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा।
वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यह साफ कर दिया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन राम मंदिर निर्माण के लिए धन की व्यवस्था और आवश्यक संसाधन जुटाने के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य जब पूरी तरह शुरू होगा तो राम मंदिर बनने में लगभग साढ़े तीन साल का समय लगेगा।
ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को 3 और 5 जुलाई की तारीख भेज दी गई है, जो भी उपयुक्त होगा उस दिन प्रधानमंत्री राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ करने आएंगे। मंदिर की ऊंचाई अब थोड़ी अधिक होगी। यह 141 फुट के स्थान पर 161 फुट होगी। गुम्बद अब 3 के बजाय 5 होंगे और राम मंदिर के लिए जैसे कार सेवा हुई थी उसी तर्ज पर मंदिर के लिए धन की व्यवस्था की जाएगी।
चम्पत राय ने कहा कि सभी संतों को विश्वास है कि राम मंदिर निर्माण के लिए धन की कमी नहीं होगी। जब धन की व्यवस्था हो जाएगी, उसके बाद राम मंदिर निर्माण शुरू होगा। एल एंड टी कंपनी और चंद्रकांत सोमपुरा जी मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे।
अयोध्या में हुई इस अहम बैठक में प्रमुख रूप से ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महामंत्री चंपत राय, निर्माण समिति के अध्यक्ष आईएएस नृपेंद्र मिश्रा, ज्ञानेश कुमार (अपर सचिव भारत सरकार) व नामित सदस्य अवनीश अवस्थी (अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश) व नामित सदस्य अनुज झा (जिलाधिकारी अयोध्या) व पदेन सदस्य राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, डॉ. अनिल कुमार, महंत दिनेन्द्र दास, के. परासरन, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ, युग पुरुष परमानंद गिरी, स्वामी गोविंददेव गिरी आदि शामिल थे।