नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में छु्ट्टी की घोषणा के साथ ही कई कड़े कदम उठाए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
क्या है दिल्ली का हाल : राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 16.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 9.30 बजे 426 रहा। आनंद विहार और जहांगीरपुरी राजधानी में सबसे प्रदूषित स्थान रहे, जहां एक्यूआई क्रमश: 471 और 485 रहा।
जिन क्षेत्रों में गंभीर एक्यूआई दर्ज किया गया है, वे हैं-अलीपुर (475), अशोक विहार (470), बवाना (482), बुराड़ी (460), डीटीयू (446), द्वारका (474), आईटीओ (438), मुंडका (476), नरेला (477), नेहरू नगर (482), पटपड़गंज (435), रोहिणी (474), सोनिया विहार (472), विवेक विहार (471) और वजीरपुर (475)।
दिल्ली सरकार के 7 बड़े कदम :
-दिल्ली सरकार ने प्रदूषण-रोधी उपायों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन किया।
-दिल्ली सरकार ने जीआरएपी के अंतिम चरण के तहत केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति द्वारा अनुशंसित प्रतिबंधों को लागू करने का निर्णय लिया है।
-दिल्ली में 5वीं तक के स्कूल बंद।
-दिल्ली सरकार के 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करें। निजी कार्यालयों से भी इसका अनुसरण करने की सलाह दी गई।
-दिल्ली में डीजल से चलने वाले ट्रकों पर रोक, केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को ही एंट्री।
-डीजल वाली बसों पर रोक, चलेंगी 500 इलेक्ट्रिक बसें।
-जरूरी सेवाओं वाले वाहनों पर कोई रोक नहीं।
इन राज्यों का भी हाल बेहाल : ऐसा नहीं है कि प्रदूषण से केवल दिल्ली का हाल बेहाल है। हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और बिहार के कई शहरों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। हरियाणा के 7, यूपी के 3 और राजस्थान के 1 शहर AQI गंभीर स्तर पर है।