साल 2017 में चार साल की सुनवाई बाद ट्रिब्यूनल ने डीएमआरसी को रिलायंस इन्फ्रा को 2800 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया था। बाद में यह मामला जैसे हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इस दौरान ब्याज की राशि भी लगातार बढ़ती रही। जनवरी 2019 तक आर्बिट्रेशन कोर्ट की तरफ से तय की राशि ब्याज सहित अब 4660 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।