मप्र में पोषण योजना में बड़ा घोटाला, सीबीआई में शिकायत दर्ज कराएगी आप

Webdunia
गुरुवार, 8 सितम्बर 2022 (22:52 IST)
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पूरक पोषण आहार योजना के क्रियान्वयन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपए का बड़ा घोटाला हुआ है और कहा कि वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगी। 'आप' के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
 
भारद्वाज ने संबोधित करते हुए महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला दिया और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इसमें शामिल होने का संकेत दिया, क्योंकि योजना को लागू करने वाले महिला और बाल कल्याण विभाग का दायित्व उनके पास ही है।
 
उन्होंने कहा कि यह करोड़ों रुपए का बड़ा घोटाला है। हम इसकी जांच के लिए आज सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं। भारद्वाज ने कहा कि सरकार की 2,500 करोड़ रुपए की योजना के तहत छह महीने से तीन वर्ष के बच्चों, स्तनपान कराने वाली माताओं और स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ने वाली लड़कियों को अधिक पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा।
 
महालेखाकार के ऑडिट निष्कर्षों को चौंकाने वाला करार देते हुए 'आप' नेता ने कहा कि मध्यप्रदेश के 50 जिलों में पूरक पोषण आहार योजना के तहत 'टेक होम राशन' की ढुलाई के लिए जिन गाड़ियों के नंबर ट्रक बताकर दर्ज कराए गए वे मोटरसाइकल, कार और पानी के टैंकर निकले।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार की इतनी बड़ी कहानी कई दिनों से टीवी चैनलों पर चलाई जा रही है लेकिन सीबीआई या ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपनी पार्टी (भाजपा) के एक मुख्यमंत्री के खिलाफ है। योजनाओं को क्रियान्वित करने वाला विभाग शिवराज सिंह चौहान के तहत आता है।
 
भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री को घोटाले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से करवानी चाहिए पूरक पोषण कार्यक्रम 'पोषण आहार' के 'टेक-होम राशन' (टीएचआर) घटक पर महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट ने राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि योजना को लागू करने में भ्रष्टाचार हुआ है। हालांकि मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को योजना को लागू करने में किसी भी तरह की अनियमितता से इंकार किया और कहा कि कार्यक्रम पर महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट अंतिम नहीं है।(भाषा)

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