PM Modis Speech On 75th Independence Day : लालकिले पर PM मोदी के देश के नाम संबोधन की बड़ी बातें

Webdunia
रविवार, 15 अगस्त 2021 (09:08 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7.30 बजे अपना संबोधन शुरू किया। देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि के साथ उन्होंने राष्ट्रपति महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, डॉ. बीआर अंबेडकर का नाम भी लिया। उन्होंने 88 मिनट का भाषण देते हुए 2020 का रिकॉर्ड तोडा। प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें
 
सैनिक स्कूलों में बेटियां भी पढेंगी : प्रधानमंत्री ने कहा- सरकार ने सभी सैनिक स्कूलों को लड़कियों के लिए खोलने का फैसला किया है। दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।
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छोटा किसान, बने देश की शान : प्रधानमंत्रीप्रधानमंत्री ने कहा देश के छोटे किसान भारत की शान बनें और केंद्र सरकार इसे ही ध्यान में रखकर कृषि सुधारों की दिशा में कदम बढ़ा रही है। देश में पहले जो नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वह नहीं किया गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में स्वसहायता समूहों से 8 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़़ी हैं और वह एक से बढ़कर एक उत्पाद बनाती हैं। उन्होंने कहा कि इनके उत्पादों को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स मंच तैयार करेगी।’’
 
पीएम गति शक्ति योजना से रोजगार के अवसर बनेंगे : गतिशक्ति कार्यक्रम से स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी, भविष्य के नए आर्थिक क्षेत्रों की संभावनाएं विकसित होंगी।  
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जम्मू-कश्मीर में विकास जमीन पर दिख रहा है : जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है। लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि हिमालयी, तटीय और आदिवासी क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का ‘बड़ा आधार’ बनेंगे।
 
75 हफ्तों में चलेंगी 75 ट्रेनें : आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 हफ्तों में देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाली 75 'वंदे भारत' रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी।
 
रेलवे से जुड़ेंगी पूर्वोत्तर की राजधानियां : पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को जल्द ही रेलवे के जरिए जोड़ा जाएगा; यह क्षेत्र बांग्लादेश, म्यांमार, दक्षिण-पूर्व एशिया से जुड़ रहा है। वंचित समुदायों का हाथ थामना जरूरी है; दलितों, एसटी, पिछड़े वर्गों, सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है। ‘जल जीवन मिशन’ के दो वर्षों के भीतर 4.5 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल की आपूर्ति शुरू हुई।
 
शत-प्रतिशत लाभार्थियों को मिले योजनाओं का लाभ : प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए शिखरों का आरोहण। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। हमें अभी से जुट जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, सही समय है। बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपने आप को ढालना होगा। उन्होंने कहा कि अब हमें सैचुरेशन की तरफ जाना है। शत-प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत प्रतिशत परिवारों के पास बैंक अकाउंट हो, शत-प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।
 
परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करना है : प्रधानमंत्री ने कहा कि संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो, इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करके ही रहना है। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
 
अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है : प्रधानमंत्री ने कहा- हर देश की विकासयात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी आज वह समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।
 
बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है : पीएम मोदी ने कहा- हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिन्दुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
 
कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया : हमारे देश के सामने, पूरी मानवजाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है। कोरोना वैश्विक महामारी में हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं।
 
नेहरू और पटेल का ऋणी है देश : भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी हों, देश को एकजुट राष्ट्र में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबासाहेब आम्बेडकर, देश ऐसे हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है।
 
खिलाड़ियों के लिए बजवाई तालियां : प्रधानमंत्री ने ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को बधाई दी, पीएम मोदी ने यहां सभी खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाईं।

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