नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि 2023-24 के आम बजट में रेलवे के लिए पूंजीगत परिव्यय को बढ़ाकर 2.40 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। लोकसभा में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि रेलवे को 2013-14 में जो राशि आवंटित की गई थी, मौजूदा राशि उससे 9 गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि कोयला, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए अंतिम और प्रथम-मील कनेक्टिविटी के लिए 100 महत्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान की गई है जिसे 75,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा, इसमें 15 हजार करोड़ निजी क्षेत्र का होगा।
उन्होंने कहा कि रेल में सफर करने वाले यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ रेलवे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोचों के नवीनीकरण की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि इन कोचों के आंतरिक हिस्सों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से इसमें सुधार किया जाएगा।
रेलवे के पुराने पटरियों को बदलने के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए जाने की संभावना है, क्योंकि रेलवे ट्रेनों को गति देने तथा अधिक स्थानों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत करने की योजना बना रहा है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रेलवे 100 और विस्टाडोम कोच बनाने का प्रस्ताव कर रहा है।
इस बजट में सरकार ने हाइड्रोजन ईंधन आधारित 35 ट्रेन, साइड एंट्री के साथ 4,500 नए डिजाइन वाले ऑटोमोबाइल वाहक कोच, 5 हजार एलएचबी कोच और 58,000 वैगन के निर्माण का का प्रस्ताव दिया है। चालू वित्त वर्ष के आम बजट में रेलवे के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था जिनमें से 1.37 लाख करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय के लिए और 3,267 लाख करोड़ रुपए राजस्व व्यय के लिए निर्धारित किया गया था।(भाषा)