सेना के सद्भावना कार्यक्रम के तहत भ्रमण पर आए सीमावर्ती राजौरी जिले के सरकारी स्कूलों के छात्रों ने आज यहां साउथ ब्लॉक में जनरल रावत से मुलाकात की। बातचीत में दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के इन छात्रों ने उनके साथ अपने अनुभव साझा किए।
जनरल रावत ने छात्रों से खुलकर बातचीत की और हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि दिल्ली में आपको बंकर देखने को नहीं, मिलेंगे क्योंकि यहां शांति है और विकास के काम हो रहे हैं। उन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ही इस तरह के टूर पर लाया गया है। उन्होंने आगाह किया कि कुछ बाहरी शक्तियां राज्य में भेदभाव पैदा कर लोगों को बांटने की कोशिश में लगी हैं। छात्रों को उनके भ्रमजाल तथा आतंकवादी गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।
आतंकवाद को बर्बादी का रास्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सही चीज नहीं है। इससे आम नागरिक का नुकसान होता है और निहित स्वार्थ वाले लोग अपने हित साधते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से हुर्रियत नेताओं और इस तरह के धंधे में लगे लोगों का नुकसान नहीं होगा, लेकिन इस चक्रव्यूह में फंसने वालों का जीवन बर्बाद हो जाएगा क्योंकि इससे क्षेत्र में तरक्की रुक जाएगी।
सेना प्रमुख ने छात्रों से कहा कि वे मेहनत कर अपने क्षेत्र में महारत हासिल करें तथा डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षक बनकर अपने गांवों में जाकर काम करें, जिससे वहां के लोगों का जीवन बेहतर बन सके। उन्होंने कहा कि जीवन में असफलता भी मिलती है, लेकिन उससे घबराकर पीछे नहीं हटना है और ज्यादा मेहनत से लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने कहा कि सेना में किसी के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होता और वे सेना में शामिल होकर देशसेवा भी कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में तैनात मेजर रतिश के साथ राष्ट्रीय एकता टूर पर आए इस दल में जिले के सरकारी स्कूलों के 13 छात्र और दो शिक्षक शामिल हैं। ग्यारह फरवरी से शुरू हुए इस टूर में छात्र पहले चंडीगढ़ घूमने गए। राष्ट्रीय राजधानी में इन्होंने लालकिला, अक्षरधाम मंदिर, इंडिया गेट आदि पर्यटन स्थल देखे और मेट्रो में सवारी की। यहां से ये हरिद्वार और देहरादून होते हुए जम्मू जाएंगे। (वार्ता)