कथक के सरताज बिरजू महाराज ने नए जमाने की फिल्मों के लिए भी की थी कोरियोग्राफी
सोमवार, 17 जनवरी 2022 (12:10 IST)
प्रसिद्ध कथक नर्तक पद्म विभूषण बिरजू महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में 17 जनवरी 2022 को अंतिम सांस ली।
नृत्य की दुनिया में बिरजू महाराज का नाम सबसे अग्रणी था। परंपरागत नृत्य के साथ ही वे फिल्मों में डांस निर्देशन के लिए भी बेहद लोकप्रिय थे। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि उन्होंने हिंदी सिनेमा की आज की नए जमाने की फिल्मों के लिए भी कोरियोग्राफी की थी। बाजीराव मस्तानी के साथ ही उन्होंने देवदास, डेढ़ इश्किया और उमराव जान के लिए भी कोरियोग्राफी की जो कि नए जमाने की फिल्में मानी जाती हैं।
83 की उम्र में हुआ निधन
पद्म विभूषण से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात अंतिम सांस ली। उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बारे में जानकारी दी।
बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। उनका पूरा नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था।
लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था।
ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे। बिरजू महाराज को 2012 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। इसके अलावा इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में म्यूजिक भी दिया था।
बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।
2012 में विश्वरूपम फिल्म में डांस कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2016 में बाजीराव मस्तानी के 'मोहे रंग दो लाल' गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।