नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सतर्कता निदेशालय की रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के विद्यालयों में कक्षाओं के निर्माण में भारी अनियमितताएं हुई। स्कूलों में शौचालय बनाए गए और उनकी गिनती कक्षाओं के तौर की की। उन्होंने कहा कि बनाने थे क्लासरूम, बना रहे थे बाररूम-ये चरित्र है अरविंद केजरीवाल का और मनीष सिसोदिया का।
भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में इस मामले में सतर्कता निदेशालय की रिपोर्ट का हवाला दिया और मांग की कि केजरीवाल अपने भ्रष्ट मंत्रियों को बर्खास्त करें या इस्तीफा दें।
उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्ट गब्बर केजरीवाल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दिशानिर्देशों को धत्ता बताते हुए बिना निविदा निकाले कक्षाओं के निर्माण के लिए निजी कंपनी बब्बर एंड बब्बर के साथ साठगांठ की।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। उन्हें बस एक चीज की चिंता है और वह है उनके पास आ रहा कालाधन। लोगों को पता चल गया है कि आपकी रीढ़ की हड्डी ही नहीं है और यह भी कि आप भ्रष्ट मंत्रियों को बर्खास्त नहीं करेंगे। आप या तो स्पष्टीकरण दें या इस्तीफा दें। आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते।
भाजपा नेता ने दावा किया कि रिपोर्ट दर्शाती है कि निजी कंपनी ने सरकार के साथ साठगांठ कर कक्षाओं के निर्माण की शर्तें तय कीं। जो मंत्री जेल में हैं, उन्हें आपने बर्खास्त नहीं किया। सतर्कता रिपोर्ट ने शिक्षा विभाग में भी भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया है। सतर्कता निदेशालय दिल्ली सरकार का हिस्सा है। क्या आपके कमजोर कंधे इस बोझ को उठा सकते हैं? क्या आप भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की टिप्पणी की मांग करने वाली सीवीसी रिपोर्ट ढाई साल तक पड़ी रही और जब उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दखल दिया तब इसे मुख्य सचिव को सौंपा गया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी, आपने रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की। क्या इसलिए कि आपके मंत्री ने आपके निर्देश पर सरकारी धन लूटा?
सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली सरकार के विद्यालयों में कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं की विशिष्ट एजेंसी द्वारा जांच की सिफारिश की है। उनके मुताबिक निदेशालय का दावा है कि इसमें 1300 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
सीवीसी ने 17 फरवरी, 2020 को एक रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के विद्यालयों में पीडब्ल्यूडी द्वारा 2400 कक्षाओं के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया था। सीवीसी ने फरवरी, 2020 में यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय के पास भेजी थी और इस मामले पर उसकी टिप्पणी मांगी थी।