पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस शिवाजी का अपमान बताते हुए ट्वीट कर लिखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्र का गौरव हैं, हमारे आराध्य हैं व देश की प्रेरणा के स्रोत है। उनका अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। अगर आपत्ति थी उनकी प्रतिमा को सम्मानजनक तरीके से भी हटाया जा सकता था लेकिन ये सरकार तो महापुरुषों का अपमान करने में गर्व का अनुभव करती है।
वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस पूरी तरह बैकफुट पर नजर आ रही है। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर भाजपा बेवजह भ्रम फैलाने का काम कर रही है। सौंसर नगर पालिका परिषद की बैठक में तय कर लिया गया है कि कि मोहगांव तिराहे का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा जाएगा औऱ वहां पर शिवाजी की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक जिम्मेदार अधिकारियों ने इसको लेकर उनको आश्वासन भी दिया था। प्रशासन के बार-बार आश्वासन के बाद बीते सप्ताह स्थानीय लोगों ने प्रशासन की मंजूरी के बिना शिवाजी की प्रतिमा स्थापित कर दी थी, जिसका विरोध में एक समुदाय विशेष के लोग कर रहे थे।
समुदाय विशेष के विरोध के बाद प्रशासन ने रातों रात जेसीबी की मदद से शिवाजी की प्रतिमा को हटा दिया और उस चबूतरे को भी तोड़ दिया जिस पर प्रतिमा स्थापित थी। प्रशासन की रातों रात इस कार्रवाई के विरोध में लोग भड़क उठे और वह प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आए। गुस्साए लोगों ने बीते दिनों छिंदवाड़ा –नागपुर हाईवे जाम कर शिवाजी की प्रतिमा को फिर से स्थापित करने की मांग की थी।