बैठक के बाद मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आज एससी/एसटी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। एससी/एसटी समुदायों के कल्याण और सशक्तीकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराया। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने एक अगस्त को कहा था कि राज्यों को एससी और एसटी के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए एक नीति बनानी चाहिए और उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा के राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार ने कहा, हम सभी उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था से चिंतित थे। हमें इस मामले पर चिंता व्यक्त करने वाले लोगों के फोन आ रहे थे। उन्होंने संसद परिसर में कहा, एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज सुबह प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की।
कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ गंभीर चर्चा की और आश्वासन दिया कि सरकार शीर्ष अदालत की व्यवस्था को लागू नहीं होने देगी। उन्होंने कहा, हम इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में आग्रह किया कि क्रीमी लेयर के मुद्दे पर शीर्ष अदालत की व्यवस्था को लागू नहीं किया जाना चाहिए।