पिछले साल हुए मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिस लाड़ली बहना योजना के बल पर सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की थी वहीं कार्ड अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड विधानसभा में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए खेला है। दरअसल मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा हाईकमान ने झारखंड का चुनावी प्रभारी बनाया है।
झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान भले ही चुनाव आयोग ने अभी नहीं किया हो लेकिन कि पूरा सूबा चुनावी मोड में आ गया है। राज्य में सत्ता की वापसी की कोशिश में जुटी भाजपा ने जेएमएम सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए परिवर्तन यात्रा का आगाज कर दिया है और इसकी अगुवाई शिवराज सिंह चौहान कर रहे है। शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड विधानसभा चुनाव की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है और परिवर्तन यात्रा के जरिए पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे है।
गोगो दीदी योजना से सहारे भाजपा-झारखंड में परिवर्तन यात्रा के हर मंच पर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान कहत है कि भाजपा सत्ता में आते ही गोगो दीदी योजना लॉन्च करेगी। गोगो दीदी योजना का अर्थ है मां और दीदी योजना है। राज्य के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान कहते है कि हमारी सरकार मध्यप्रदेश में है वहां लाड़ली बहना योजना चल रही है, हमारी सरकार महाराष्ट्र में है तो वहां भी लाड़की बहीण योजना चल रही है, हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में है तो वहां भी महतारी वंदन योजना के तहत बहनों को राशि दी जा रही है। ओडिशा में अभी-अभी सरकार बनी है और वहां भी बहनों के खातों में पैसा डालना शुरू कर दिया गया है। शिवराज कहते है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार हरियाणा में बहनों के खाते में 2100 रुपए डालेगी, जम्मू-कश्मीर में भी बहनों के खाते में राशि डाली जाएगी और झारखंड में भी बहनों के खाते में गोगो दीदी योजना बनाकर 2100 रुपए डाले जाएंगे। झारखंड सरकार केवल चुनाव के नजदीक आते ही बहनों को टुकड़ों में पैसा दे रही है। जनता सब समझती और जानती है, इसका जवाब अब चुनाव में जनता ही देगी।
सूबे की हेमंत सरकार को घेरते हुए कहते है कि हेमंत सोरेन सरकार ने 5 साल पहले घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, उसमें लिखा था कि, गरीब महिलाओं को प्रति माह 2 हजार रुपए चूल्हा खर्च दिया जाएगा। 4 साल 10 महीने चूल्हा खर्च नहीं दिया लेकिन अब चुनाव आ गए हैं तो महिलाओं के खातों में वोटों की लालच में 1 हजार रूपए डाले जा रहे हैं। हेमंत सोरेन हिसाब दें कि, 5 सालों में 60 महीने होते हैं, और 60 महीनें 2 हजार रूपए मिलते तो बहनों को अब तक 1 लाख 20 हजार रूपए खाते में मिल जाने चाहिए थे, लेकिन उनके खाते में केवल 2 हजार रूपए ही आए हैं तो 1 लाख 18 हजार रूपए कहां गए।
झारखंड में महिला वोटर्स गेमचेंजर?- झारखंड विधानसभा चुनाव में महिला वोटर गेमचेंजर साबित होने जा रहा है। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या ढाई करोड़ से कुछ अधिक अधिक है जिसमें महिला वोटरों की संख्या सवा करोड़ है। ऐसे में महिला वोटर्स की बड़ी संख्या और विधानसभा चुनाव में उनका रूख यह तय करेगा कि झारखंड में अगली सरकार किसकी होगी। वहीं झारखं में आदिवासियों के लिए रिजर्व 28 में से 10 सीटों पर महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। ऐसे में चुनाव में हर सियासी दल महिला वोटर्स को साधने में जुटा है। चुनावी साल में हेमंत सरकार ने मैय्या सम्मान योजना लाकर महिला वोटर्स को साधने की कोशिश की है।