कैबिनेट की मंजूरी और राष्ट्रपति की स्वीकृति के बगैर हुआ नोटबंदी का फैसला : कांग्रेस

शनिवार, 19 नवंबर 2016 (22:48 IST)
मुंबई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसला की कोई कानूनी मान्यता नहीं है, क्योंकि कैबिनेट की मंजूरी और राष्ट्रपति की स्वीकृति के बगैर यह फैसला किया गया।
 
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव मोहन प्रकाश ने आरोप लगाया कि बड़े नोटों को बंद किए जाने की घोषणा टेलीविजन के जरिए की गई और इसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है। 
 
प्रकाश ने आरोप लगाया, 1978 में हुई नोटबंदी में तत्कालीन सरकार की ओर से एक अध्यादेश लाया गया था और संसद में एक विधेयक पेश किया गया था। इस मामले में कैबिनेट की कोई मंजूरी या राष्ट्रपति की स्वीकृति नहीं ली गई। कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि ‘कुछ विदेशी ताकतें’ भारतीय अर्थव्यवस्था और रुपए को कमजोर करना चाह रही हैं।
 
प्रकाश ने कहा कि यदि नोटबंदी का ऐलान टीवी पर किया जाने लगे तो भारतीय रुपए और अर्थव्यवस्था की क्या विश्वसनीयता रह जाती है? कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अच्छी तरह समझने वाले अर्थशास्त्री एवं प्रशासनिक विशेषज्ञ ऐसा फैसला कभी नहीं करेंगे। 
 
हर रोज, सरकार नई-नई घोषणाएं कर रही हैं। यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जिससे देश में अनिश्चितता कायम हो रही है। उचित योजना और सोच के बगैर ही नोटबंदी का फैसला कर लिया गया। आर्थिक अराजकता फैल गई है। उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी से अमीर प्रभावित नहीं हो रहे बल्कि दिहाड़ी मजदूर, सब्जी बेचने वाले और किसान प्रभावित हो रहे हैं। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें