अपीलकर्ता का कहना है कि इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार थी और चूंकि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का परिवार शामिल था, इसलिए वह (स्वर्गीय गांधी) इस पूरे मुकदमे को दबा देना चाहते थे। इसलिए इस मामले में कोई अपील फाइल नहीं की गई। 2009-10 में इस मामले की सुनवाई होती, लेकिन संप्रग सरकार की साजिश की वजह से इसे सुना नहीं जा सका।
सूत्रों के अनुसार, एटर्नी जनरल ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को सलाह दी है कि सीबीआई को बोफोर्स मामले में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह मामला शीर्ष अदालत में टिक नहीं सकता।