अधिकारियों के मुताबिक रूसी विमानन कंपनी एयरोफ्लोट की उड़ान संख्या एसयू-232 ने बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 2 बजकर 48 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग की। यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को विमान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। पुलिस के अनुसार, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को बृहस्पतिवार रात को विमान में बम होने की चेतावनी वाला ईमेल मिला था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विमान जैसे ही उतरा, उसमें सवार 386 यात्रियों और चालक दल के 16 सदस्यों को तुरंत उतारा गया। अधिकारी के मुताबिक, विमान की जांच की गई और अब तक उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि विमान को अलग रखा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे आईजीआई नियंत्रण कक्ष के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक
धमकी भरा संदेश मिला था, जिसमें आईजीआई हवाई अड्डा आ रहे रूसी विमान एसयू-272 में बम लगाए जाने की सूचना दी गई थी। विमान देर करीब दो बजकर 48 मिनट पर सुरक्षित उतर गया। अधिकारी ने कहा कि एयरोफ्लोट द्वारा संचालित बोइंग 777 विमान की लैंडिंग के लिए पूर्ण आपातकाल की घोषणा की गई थी।
इससे पहले भी हुई हैं इस तरह की घटनाएं : पिछले कुछ हफ्तों में उड़ानों पर कथित बम की धमकी की कम से कम दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं। तीन अक्टूबर को वायुसेना ने भारतीय हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भर रहे चीन जाने वाले ईरानी यात्री विमान में बम की आशंका की सूचना मिलने के बाद अपने लड़ाकू जेट विमानों को उसके पीछे लगाया था। विमान भारत में नहीं उतरा और बाद में चीन में सुरक्षित लैंडिंग की।
इससे पहले, 30 सितंबर को आईजीआईए पर विमान में सवार दो यात्रियों के बीच लड़ाई के बाद बम की झूठी सूचना के कारण मलेशिया जाने वाली एक उड़ान में देरी हुई थी। घटना में कथित रूप से शामिल 4 यात्रियों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया
गया था। वहीं, 12 अगस्त, 2019 को आईजीआईए को टर्मिनल-2 पर बम होने की धमकी वाला एक फर्जी फोन आया था, जिससे लगभग 70 मिनट तक उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala (भाषा)