पैसा कमाने का धंधा बन चुके हैं स्कूल

बुधवार, 6 जुलाई 2016 (07:43 IST)
मुंबई। यह उल्लेख करते हुए कि इन दिनों स्कूल कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं और वे पैसा कमाने का धंधा बन चुके हैं, बंबई उच्च न्यायालय ने एक बच्चे को उचित कारण के बिना निकाले जाने पर दक्षिण मुंबई स्थित एक निजी स्कूल को नोटिस जारी किया।
 
न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति एमएस सोनक ने 12 वर्षीय बच्चे के पिता द्वारा दक्षिण मुंबई में मरीन लाइन्स स्थित एचवीबी ग्लोबल एकेडमी स्कूल के खिलाफ उच्च न्यायालय को लिखे गए पत्र का संज्ञान लिया।
 
बच्चे के पिता के अनुसार उसके बेटे को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने ड्रेस और अन्य चीजें खरीदने के लिए स्कूल को 50 हजार रुपए दिए जाने पर आपत्ति जताई थी और सवाल उठाया था।
 
न्यायमूर्ति कनाडे ने कहा कि इन दिनों स्कूल पैसा कमाने का धंधा बन गए हैं। स्कूलों ने कानून को अपने हाथों में लेना शुरू कर दिया है। लड़के के पिता संतोष मेहता द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार उसने अपने बेटे को सातवीं कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए स्कूल से संपर्क किया था।
 
पत्र में आरोप लगाया गया, 'स्कूल ने शुरू में 1,09,500 रुपए  का शुल्क मांगा जो मैंने दे दिया जिसकी मेरे पास रसीद है। हालांकि, बाद में स्कूल ने ड्रेस, स्कूली किताबों, बैग और अन्य चीजों के लिए 50 हजार रुपए नकद मांगे। जब मैंने अतिरिक्त राशि मांगे जाने पर आपत्ति जताई तो स्कूल अधिकारियों ने मुझे और मेरे परिवार को धमकी देनी शुरू कर दी।' 
 
मेहता ने दावा किया कि स्कूल अधिकारियों ने धोखे से उनकी पत्नी से एक कोरे कागज पर दस्तखत करा लिए। इसके आधार पर स्कूल से उनके बेटे को निकाल दिया गया।
 
उन्होंने कहा कि मेरे संपर्क करने पर शिक्षा उपनिदेशक ने इस साल फरवरी में स्कूल प्रधानाचार्य को निर्देश दिया कि वह मेरे बेटे को स्कूल में बहाल करें। लेकिन जब मैंने अपने बेटे को स्कूल भेजा तो सुरक्षा गार्डों ने उसे रोक दिया और कहा कि उसे स्कूल न भेजा जाए। 
 
उच्च न्यायालय ने आज स्कूल को नोटिस जारी किया और कहा कि वह स्कूल का पक्ष सुनना चाहेगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख निर्धारित कर दी। (भाषा) 

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