मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने मुआवजे के खिलाफ एक बीमा कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि टायर फटना दैवीय घटना नहीं, बल्कि मानवीय लापरवाही है। अदालत ने बीमा कंपनी को 1.25 करोड़ का भुगतान करने का आदेश दिया।
मकरंद पटवर्धन 25 अक्टूबर 2010 को अपने दो सहयोगियों के साथ पुणे से मुंबई जा रहे थे और चालक की लापरवाही के कारण कार का पिछला पहिया फट गया और कार गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में मकरंद पटवर्धन (38) की मौके पर ही मौत हो गई थी। न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा था कि मकरंद पटवर्धन परिवार में इकलौता कमाने वाला था।
उच्च न्यायालय को बीमा कंपनी की दलील पसंद नहीं आई और कहा, दैवीय घटना का तात्पर्य एक ऐसी अप्रत्याशित प्राकृतिक घटना होती है, जिसके लिए इंसान जिम्मेदार नहीं होता है। लेकिन, टायर के फटने को दैवीय घटना नहीं कहा जा सकता है। यह मानवीय लापरवाही है।