उन्होंने कहा कि बालाकोट अभियान में हमारे पास प्रौद्योगिकी थी और हम बड़ी सटीकता के साथ हथियारों का इस्तेमाल कर सके। बाद में हम बेहतर हुए हैं, क्योंकि हमने अपने मिग-21, बिसॉन और मिराज-2000 विमानों को उन्नत बनाया था। धनोआ ने कहा कि यदि हमने समय पर राफेल विमान को शामिल कर लिया होता तो परिणाम हमारे पक्ष में और भी हो जाते।
धनोआ ने कहा कि राफेल और एस-400 जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को शामिल किए जाने के प्रस्ताव के तहत अगले 2 से 4 वर्ष में फिर से तकनीकी संतुलन हमारे पक्ष में आ जाएगा, जैसा 2002 में 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान हुआ था।