संचार मंत्री ने दी 'बीएसएनएल' को सख्‍त हिदायत...

बुधवार, 28 सितम्बर 2016 (17:53 IST)
नई दिल्ली। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को बुधवार को साफ शब्दों में कहा कि इस कंपनी को यथाशीघ्र 1 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल पर आधारित ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ना चाहिए और इसमें किसी तरह की हिला-हवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
 
सिन्हा ने यहां बीएसएनएल के एक पुरस्कार वितरण समारोह में कहा कि हम निर्धारित समयावधि में देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'डिजिटल इंडिया' के सपने को साकार करने के लिए जरूरी है। 
 
उन्होंने कहा कि जो लोग गंभीरता से काम कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा और जिनके बारे में लगातार नकारात्मक रिपोर्ट मिल रही है उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेनी चाहिए। संचार मंत्री ने बीएसएनएल से नए नवाचार को ढूंढने, नए शोध करने और नई प्रौद्योगिकी अपनाने की सलाह दी ताकि प्रधानमंत्री के ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के सपने को डिजिटल क्रांति के जरिए पूरा किया जा सके। 
 
उन्होंने नवाचार की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सीमित संसाधन की वजह से विकसित देशों पर निर्भर नहीं रह सकता। बड़ी संख्या में लोगों को, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, डिजिटली सशक्त करना हमारा कर्तव्य है, जो अब तक आईटी क्रांति के लाभों से वंचित हैं।
 
उन्होंने बीएसएनएल के अधिकारियों और कर्मचारियों से टेलीकॉम घनत्व में निर्धारित समय सीमा में वर्तमान स्तर से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की दिशा में काम करने के लिए भी कहा तथा बीएसएनएल अब नई प्रौद्योगिकियों से लैस है और यह निजी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों से टक्कर लेने में सक्षम है। 
 
मोबाइल फोन का उपयोग बढ़ने के कारण लैंडलाइन कनेक्शन में दिन-ब-दिन हो रही कमी पर गहरा रोष जताते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस तरह का रुख नहीं देखा गया है। बीएसएनएल को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि जब तक बीएसएनएल अपनी सेवाओं की गुणवत्ता नहीं सुधारेगी तब तक कोई भी प्लान सफल नहीं हो सकता है, चाहे हम 49 रुपए में ही कनेक्शन क्यों न दें। उन्होंने बीएसएनएल को उपभोक्ताओं की शिकायतों को तत्परता से निपटाने और इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं किए जाने की हिदायत दी। (वार्ता)

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