भाषण के दौरान राष्ट्रपति ने कोविड-19 संकट के बीच सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने विशेष रूप से महामारी से लड़ने, किसानों और महिलाओं की सहायता के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक आधुनिक भारत के निर्माण के लिए और अधिक मेहनत करने की अपील की।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस 2 फरवरी को शुरू हुई। दोनों सदनों ने बजट सत्र के पहले भाग में इसके लिए 12 घंटे का समय लिया। सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने जहां सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, वहीं विपक्ष ने महंगाई और बेरोजगारी सहित विभिन्न मामलों में विफलता का आरोप लगाते हुए केंद्र पर हमला किया।
भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के तहत पिछले पांच वर्षों में 4.5 लाख युवाओं को नौकरी दी गई और 36,000 करोड़ रुपये के किसान कर्ज माफ किए गए। उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों को केवल गरीबों और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए काम नहीं करने का आरोप लगाया।
विपक्ष की ओर से पहले बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को शहंशाह की तरह चलाने की कोशिश हो रही है। राहुल ने आगाह करते हुए कहा कि इस सरकार की नीतियों के चलते आज देश आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर बड़े खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार की नीति के कारण ही आज चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों के लिए है।