मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मंत्रिमंडल ने दी 'वन रैंक, वन पेंशन' संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी
शनिवार, 24 दिसंबर 2022 (00:38 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षाबलों के कर्मियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिए 'वन रैंक, वन पेंशन' (ओआरओपी) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। ठाकुर ने बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा। यह एक जुलाई 2019 से प्रभावी होगी।
उन्होंने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रतिवर्ष 8450 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपए की राशि बनती है।
ठाकुर ने कहा कि इसका लाभ सभी रक्षाबलों से सेवानिवृत्त होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा। इसका लाभ 4.52 लाख नए लाभार्थियों सहित सशस्त्र बलों के 25.13 लाख पेंशनधारकों एवं परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वन रैंक, वन पेंशन के तहत रक्षाबलों के कार्मिकों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में अगले पुनरीक्षण को मंजूरी दे दी।
रक्षाबलों के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी को ओआरओपी प्रस्ताव के अनुरूप बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी। सरकारी बयान के अनुसार, पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर सेवानिवृत्त होने वाले रक्षाबलों के कार्मिकों की न्यूनतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित की जाएगी। इस औसत से अधिक पेंशन पाने वाले लोगों की पेंशन को संरक्षित किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि बकाए का भुगतान चार छमाही किस्तों में किया जाएगा। हालांकि विशेष/उदारीकृत पारिवारिक पेंशन पाने वालों और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनधारकों को एक किस्त में बकाए का भुगतान किया जाएगा। बयान के अनुसार, अनुमानित वार्षिक वित्तीय प्रभाव की गणना 8450.04 करोड़ रुपए की गई है, जो 31 प्रतिशत महंगाई राहत (डीआर) के रूप में है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)