उन्होंने बताया कि महिला मरीज की आयु 60 वर्ष की होने तथा उसे उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी के कारण ऑपरेशन करना काफी कठिन काम था। मरीज को पेट में दर्द, जी मिचलाने और बुखार की शिकायत बार-बार होने पर ऐसा संदेह किया गया कि उसे पित्ताशय का कैंसर हो सकता है।
उन्होंने बताया कि इस आधार पर पित्ताशय का सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड कराया गया। अल्ट्रासाउंड में रोगी के पित्ताशय में असामान्य सूजन थी। पित्ताशय की दीवारें भी अपेक्षाकृत काफी मोटी हो गई थीं। इस पर लैप्रोस्कोपिक तकनीक से पित्ताशय का ऑपरेशन किया गया। पित्ताशय को साथ लगे लिवर के हिस्से के साथ हटाया गया और किसी तरह के संक्रमण से बचाव के लिए एक पाउच में रखा गया। पित्ताशय को खोलने पर उसमें छोटी-बड़ी 838 पथरियां पाई गईं।
डॉक्टर जावेद के अनुसार इन पथरियों की वजह से पित्ताशय में जलन होती है। अपच के कारण पेट में बेहद दर्द होता है और गैस की शिकायत जैसे लक्षण दिखते हैं। समय रहते इसका इलाज नहीं हुआ तो यह पीलिया, गंभीर संक्रमण और पैंक्रियाटाइटिस का कारण बन जाता है। इससे पित्ताशय में कैंसर होने का जोखिम भी रहता है। (वार्ता)