अहमदाबाद। खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ऊंटनी के दूध के लिए नए मानदंड बनाए हैं। अमूल ब्रांड के तहत उत्पाद बेचने वाली जीसीएमएमएफ ने अगले तीन महीने में उंटनी का दूध बाजार में उतारने की घोषणा की है। साथ ही इस दिवाली पर इस दूध से निर्मित खास चॉकलेट अमूल आपके लिए लेकर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आणंद में अमूल के अति आधुनिक चॉकलेट प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ऊंटनी के दूध के उत्पाद बाजार में आने से उनका वर्षों पुराना सपना साकार हो गया है। उन्होंने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब ऊंटनी के दूध को बढ़ावा देने की बात करते थे, उनकी इस बात का मखौल उड़ाया जाता था, लेकिन जब अमूल ने इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया है तो उनका सपना साकार हो गया है। उन्होंने कहा कि ऊंटनी का दूध गाय के दूध से ज्यादा पौष्टिक होता है। ऊंटनी के दूध की प्रोसेसिंग होने से ऊंट पालकों को भी फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऊंटनी का दूध बहुत पसंद करते हैं और गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने ऊंटनी के दूध को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए थे। ऊंटनी का दूध पीएम मोदी की खास पसंद में शामिल है, क्योंकि इस दूध के फायदे ही कुछ ऐसे हैं। प्रधानमंत्री इस दूध के सहारे भारत में व्याप्त कुपोषण की समस्या को दूर करने का भी प्लान बना रहे हैं।
इस दिवाली पर अमूल आपके लिए खास चॉकलेट लेकर आ रहा है। दिवाली के मौके पर ऊंटनी के दूध से बनी पहली चॉकलेट्स बाजार में मुहैया होने लगेगी। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) इस प्रोडक्ट को उतारने की तैयारी में है, जो अमूल ब्रांड की मार्केटिंग करता है।
ऊंटनी का दूध अमूल सबसे पहले अहमदाबाद में बेचना शुरू करेगी। इसके बाद इसे अन्य शहरों में पेश किया जाएगा। एफएसएसएआई के चेयरमैन पवन अग्रवाल ने यहां एक प्रदर्शनी के मौके पर कहा, हमने ऊंटनी के दूध के लिए मानक आज से लागू किए हैं। हमें इसके मानक बनाने में दो साल का समय लगा। इन मानदंडों से शहरों में ऊंटनी के दूध की बेहतर मार्केटिंग में मदद मिलेगी।
इस मौके पर गुजरात सहकारिता दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के विपणन प्रबंधक हरदीप बंगा ने कहा कि हम अगले तीन महीने में 500 एमएल की बोतल में ऊंटनी का दूध पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि कच्छ में इसके लिए संयंत्र तैयार है। उन्होंने बताया कि बाद में ऊंटनी के दूध की बिक्री दिल्ली और मुंबई में भी की जाएगी।
फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि दिवाली से पहले ये चॉकलेट्स बाजार में मुहैया हो जाएंगी। इसे अमूल कैमल मिल्क चॉकलेट्स के नाम से उतारा जाएगा। ऊंटनी का दूध मुख्य रूप से खरारी और कच्छी नस्ल की ऊंटनी से लिया जाएगा।
कच्छ जिले के सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड सरहद डेयरी इसके लिए कच्छ जिले में एक ऊंट दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है। यह जल्द ही ऑपरेशनल हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरहद डेयरी GCMMF का सदस्य भी है।
सोढ़ी ने बताया कि इनका प्रोडक्शन अमूल के आणंद स्थित संयंत्र में किया जाएगा। यहां हर महीने एक हजार टन के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है और पहले चरण में इसे देशभर की दो लाख दुकानों में बिक्री के लिए मुहैया कराया जाएगा।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया (FSSAI) ने पिछले साल ऊंटनी के दूध को तय मानकों के आधार पर फूड प्रोडक्ट की मान्यता देकर इसकी बिक्री और व्यापार की स्वीकृति दी है। गौरतलब है कि इन चॉकलेट्स के प्रोडक्शन के लिए पिछले दो हफ्तों में अमूल को 10 हजार लीटर दूध की आपूर्ति की जा चुकी है।
ऊंटनी के दूध के फायदे :
* भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के मुताबिक, ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध में पता चला है कि यह इंसानों के लिए लाभकारी है। इसमें कई औषधीय तत्व होते हैं, जिनके बारे में ठोस सबूत मिले हैं। यह मधुमेह, लिवर और किडनी विकारों के मैनेजमेंट में प्रभावी होता है। इसके अलावा कई अन्य संक्रामक बीमारियों में भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में यह कारगर होता है।
* इसका नियमित इस्तेमाल करने वाले बच्चों का मस्तिष्क सामान्य बच्चों की तुलना में तेजी से विकसित होता है। इतना ही नहीं उसकी सोचने-समझने की क्षमता में भी सामान्य लोग बहुत पीछे होते हैं। कुल मिलाकर यह बच्चों को एक ओर कुपोषण से बचाता है तो दूसरी ओर उसमें बौद्धिक क्षमता के विकास में भी सहायक है।
* ऊंटनी का दूध बहुत ही जल्दी पच जाने वाला होता है। इसमें दुग्ध शर्करा, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, लैक्टिक अम्ल, आयरन, मैग्निशियम, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी 2, विटामिन सी, सोडियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीज, कैल्शियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं, जो कि हमारे शरीर को सुंदर और निरोगी बनाते हैं।