न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा है कि आतंकवाद और फिदायीन हमलों के साथ किसी अन्य मुद्दे पर विचार नहीं किया जा सकता है।
जयशंकर ने यहां विदेशी मामलों से संबंधित काउंसिल के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसी रिश्ते की मुख्य प्रवृत्ति ही आतंकवाद, फिदायीन हमले और हिंसा आदि हो और उसके बाद आप कहें ‘ठीक है दोस्तो, अब चाय काल, चलो चलें और क्रिकेट खेलें’ तो लोगों को इसके बारे में समझाना मुश्किल होगा।
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के दोहरे रवैए की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उरी, पठानकोट और पुलवामा में हमले किए। भारत किसी ऐसे पड़ोसी से बात नहीं कर सकता जो आतंकवाद को शासन कार्य की वैधानिक नीति मानता है।
बुनियादी मुद्दा कश्मीर नहीं : जयशंकर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत और पाकिस्तान के बीच बुनियादी मुद्दा कश्मीर है बल्कि यह दोनों देशों के बीच कई मुद्दों में से एक है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन में आतंकवाद पर कठोर रुख और ‘कश्मीर’ मुद्दा प्रमुख होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का विरोध कर रहे हैं, उनकी नीयत ठीक नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि याद कीजिए कि 5 अगस्त को भारत सरकार के इस फैसले से पहले कश्मीर में कैसी अव्यवस्था थी। मेरा मतलब है कि कश्मीर में मुश्किलें 5 अगस्त के बाद शुरू नहीं हुई हैं बल्कि उस दिन लिया गया निर्णय इन मुश्किलों से निपटने का एक रास्ता था।
आतंकवाद फैलाता है पाक : उन्होंने कहा कि निश्चित ही हर कोई अपने पड़ोसी से बात करना चाहता है। हम भी चाहते हैं, लेकिन हम एक ऐसे देश से बात कैसे कर सकते हैं, जो आतंकवाद फैलाता है। हालांकि दिखावा ऐसा करते हैं कि वे यह नहीं कर रहे हैं।
जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी होने के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार नहीं करेगा। वह विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है और उसे कानूनी तौर पर विशेष तरजीही राष्ट्र का दर्जा हमें देना चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं करेगा। दूसरी ओर हमने ऐसा किया है। एयर कनेक्टिविटी के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के पास ऐसा पड़ोसी है, जो आपको कनेक्टिविटी की अनुमति नहीं दे रहा।