'आम आदमी' का कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण

सोमवार, 26 जनवरी 2015 (22:05 IST)
पुणे। अपने कार्टूनों में भारतीय नेताओं की विशिष्टताओं के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाले आर के लक्ष्मण ने लंबे समय तक आम आदमी की आवाज को व्यंग्यात्मक लहजे में व्यक्त किया और अपनी कृतियों से लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट ला दी।
पांच दशक से अधिक समय तक उनके प्रशंसकों ने हर सुबह उनके बनाए कार्टूनों में आम आदमी ‘कॉमन मैन’ की प्रतीक्षा की। उनका किरदार आम आदमी अपनी धोती, जैकेट, गांधी.चश्मा आदि से सहज ही पहचाना जा सकता था। उनके कार्टूनों से कई बार नेताओं को झेप का सामना करना पड़ा।
 
प्रख्यात कार्टूनिस्ट का आज पुणे में निधन हो गया। वह 94 साल के थे।
 
देश के प्रमुख व्यंग्य-चित्रकार रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण यानी आर.के. लक्ष्मण ने आम आदमी की पीड़ा को अपनी कूची से व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने समाज की विकृतियों, राजनीतिक विचारधारा की विषमताओं को भी व्यक्त किया।
 
लक्ष्मण का जन्म मैसूर में 24 अक्टूबर 1921 को हुआ था और उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। लक्ष्मण सात भाई बहन थे जिनमें उनके बड़े भाई प्रसिद्ध उपन्यासकार आर. के. नारायण शामिल थे।
 
उन्हें बचपन से ही चित्रकला में रूचि थी। वह ब्रिटेन के मशहूर कार्टूनिस्ट सर डेविड लाउ से काफी प्रभावित हुए। वह पढ़ना शुरू करने के पहले ही चित्र बनाने लगे थे। वह फर्श, दरवाजे, दीवारों आदि पर चित्र बनाते रहते थे।
 
उनके एक अध्यापक ने पीपल के पत्ते पर उनका बनाया चित्र देखने के बाद उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनकी सराहना की।
 
लक्ष्मण के निधन पर शोक जताते हुए जानेमाने कार्टूनिस्टों ने उन्हें ऐसी उत्कृष्ट हस्ती बताया जिनकी अंगुली हमेशा देश की नब्ज पर रही।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘आरके लक्ष्मण, भारत आपकी कमी महसूस करेगा। हम आपके प्रति कृतज्ञ हैं कि आपने हमारे जीवन में जरूरी हास्य को जगह दी और हमारे चेहरों पर हमेशा मुस्कुराहट लाए।’
 
डॉक्टरों के अनुसार वह कई महीनों से बिस्तर पर थे और उन्हें सहायक की जरूरत थी। वह मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि बीमारी से भी ग्रसित थे।
 
दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के आईसीयू में डॉक्टरों की एक टीम पिछले नौ दिनों से उनकी स्थिति पर नजर रख रही थी। उनकी स्थिति में उतार चढ़ाव हो रहा था लेकिन कल शाम से उनकी हालत बिगड़ने लगी और आज शाम उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
 
श्रीनिवास ने पीटीआई से कहा कि उनका अंतिम संस्कार कल सुबह किया जाएगा।
 
एक स्कूल शिक्षक के पुत्र लक्ष्मण देश के सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक कार्टूनिस्टों में से थे और उनके द्वारा गढ़ा गया किरदार ‘कॉमन मैन’ काफी लोकप्रिय हुआ। उनके निधन की खबर फैलते ही उनके प्रशंसक मुंबई के वर्ली में ‘कॉमन मैन’ की प्रतिमा के पास एकत्र होने लगे।
 
मैसूर में 24 अक्टूबर 1921 को पैदा हुए लक्ष्मण सात भाई बहन थे। उनके भाई में दिवंगत आरके नारायण भी शामिल थे।
 

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