उन्होंने कहा कि शीत सत्र के कारण मैं आपको कोई समय सीमा नहीं दे सकता। मुझे नहीं लगता कि मैं इसे पूरा कर सकूंगा। इसके बाद के सत्र में नए कानून को लाने का मेरा प्रयास होगा तथा दोनों समितियों की अनुशंसाओं पर उन्होंने बोर्ड सदस्यों का विचार भी जानना है, क्योंकि उनका मानना है कि समस्याओं से वे अच्छी तरह वाकिफ होंगे।